Jageshwar Dham – Almora Uttarakhand
परिचय
जागेश्वर धाम उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह जगह अपने प्राचीन शिव मंदिरों और शांत देवदार के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। समुद्र तल से लगभग 1870 मीटर की ऊँचाई पर बसा यह धाम हिमालय की वादियों में आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है।
इतिहास और महत्व
जागेश्वर धाम को उत्तराखंड का कश्मीर ऑफ टेम्पल्स भी कहा जाता है। यहाँ लगभग 124 मंदिर और 100 से अधिक शिलालेख पाए गए हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों का निर्माण 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था।
यह स्थान बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहाँ का मुख्य मंदिर जागेश्वर महादेव (Lord Shiva) को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहाँ भगवान शिव स्वयं तपस्या करने आए थे।
वास्तुकला
- सभी मंदिर कटकुरी शैली (Nagara style) में निर्मित हैं।
- मंदिरों में सुंदर नक्काशी, शिलालेख और प्राचीन मूर्तियाँ हैं।
- प्रमुख मंदिरों में जागनाथ मंदिर, ढार देवी मंदिर, महा मृत्युंजय मंदिर और कूबर मंदिर शामिल हैं।
धार्मिक महत्व
- यहाँ श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर विशेष मेले और पूजा होती है।
- यह स्थान पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए भी अत्यंत पवित्र माना जाता है।
- श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहाँ की पूजा करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्राकृतिक सौंदर्य
जागेश्वर धाम घने देवदार (Cedar) के जंगलों और कल-कल बहती जाता गंगा नदी से घिरा हुआ है। यह जगह सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि शांति और ध्यान के लिए भी आदर्श स्थान है।
कैसे पहुँचे
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: काठगोदाम (125 किमी)
- नजदीकी हवाई अड्डा: पंतनगर एयरपोर्ट (150 किमी)
- सड़क मार्ग से जागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
घूमने का सही समय
जागेश्वर धाम जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक है। बरसात और सर्दियों में भी यहाँ का अलग ही आनंद है, लेकिन ठंड काफी ज्यादा होती है।